युगपुरुष की कथा नही,बस एक कार्टून फिल्म है “आदिपुरुष”

👹 तिरिभिन्नाट एक्सप्रेस👹
भिया राम 🙏🏻
आज अपुन हाजिर है नए एक मामले को लेके।
हफ्ते भर से देश मे एक मामला चल रिया है नई आयी एक फिलिम का..
नाम है आदि पुरुष
अपुन ने कल देख डाली..लगा था कम्प्यूटर के इस जमाने मे एक दम भव्य रूप से मर्यादा पुरुषोत्तम की कथा कही गयी होगी..
..पर यार शरम आ गयी..ऐसी 3 rd क्लास स्क्रिप्ट..ऐसे घटिया ग्राफिक्स..ऐसी रद्दी फिलिम 😡
अबे सालो..भगवान राम की कहानी तो इस देश के बच्चे बच्चे की जबान पर है..पुरानी एक नही कईं रामायण बनी हुई है,उसको ही कॉपी कर लेते..
..उर्दू के शब्दों से भरी..घटिया डायलॉग वाली फिलिम..जैसे हाय बाप मे बनाई..सीधे वनवास से शुरु..ने रावण के छर्रे होन जैसे हेरी पोटर की चुड़ैले..छपरी जैसे बाल वाला रावण..टेटू गुदा हुआ उसका भाई..हनुमान बने दारा सिंग के सोंटे बराबर के हनुमान..गाने गाते राम सीता..पुष्पक विमान मे इंधन नही तो चिमगादड़ पे सीता हरण..बचपन से लंका सोने की सुनी थी..ये डायरेक्टर सारा सोना खा गया और इसमे काले पत्थर की लंका 🤣🤣
बजरंगबली का बल जगाने को लक्ष्मण के अजीब से सवाल..कि तोते ने नदी पार कैसे करी..?
एक टक पिक्चर देखी तब बी समझ नी आया जने कब शूर्प नका की नाक कट गयी..
धनुष धारी श्री राम लड़ रहे हाथ पैर और तलवार से..
पूँछ मे आग लगाने पर बजरंगबली का डायलॉग
“कपड़ा तेरे बाप का,तेल तेरे बाप का,जलेगी तेरे बाप की
हद है यार 😡
और तो और मूरछित लक्ष्मण का इलाज इस फिल्म मे लेडी वैद्य कर रही…
अबे सालो 😡
वो वैद्य जी थे हमारे उज्जैन के देवास गेट के चौरसिया जी..ने तुम जाने कां की बाई ले आये..
“3 rd क्लास फिल्म” जब घिसटती हुई अंत तक पहुंची तो अंत की लड़ाई मे तोप, गोले,गंडासे देखकर लगा साउथ मूवी चल री…धनुष से ज्यादा मामला हाथ पाँव की लड़ाई से निमटा🤣
राम जी घूसा मार दे तो रावण के डबल स्टोरी सिर होन हिल के इधर के उधर..
हद है…हद से ज्यादा हद है..

अरे डायरेक्टर और लेखक बाबू..ये रामायण तुम्हारे लिए सिर्फ एक पैसे कमाने की पटकथा होगी..हमारे लिए एक सबक है..
परायी नार पर गंदी नजर का परिणाम कैसा होता है..
..पिता के वचन को जान देकर निभाने का सबक है..
..ये शिक्षा है भाई का साथ आँख मूंदकर देने की…पति व्रता और पत्नी व्रता होने की..असम्भव को सम्भव करने की..
तभी सदियों से गायी जा रही..
रामानंद सागर की बनाई रामायण आज तक अमर है..उसके किरदार आज भी उसी चरित्र को जी रहे..आज भी वो लोग सार्वजनिक जीवन को सम्भलकर जीते हैँ..चाहे उस छवि ने उनका केरियर समाप्त कर डाला..पर हर एक कलाकार उनको मिल रहे अतुल्य सम्मान से अभिभूत है…
..फिल्मे रोज आती और जाती हैँ…पर मर्यादा पुरुषोत्तम के इस अपमान को ये भारत वर्ष कभी नही भूलेगा…निश्चित ही एक “महान कथा” पर बनी “घटिया फिल्म” के किरदारो को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा..
..एक बात लिख लो..श्री राम कथा तुम जैसे टुच्चे भांडो की मोहताज नही..श्री राम हमारे कण कण मे बसते हैँ..तुम 100 फिल्मे बना डालो..अरुण गोविल और दीपिका की छवि हमारे मन से कभी मिट नही सकती..
🙏🏻 जय जय सिया राम
🙏🏻 जय जय हनुमान
18 जून 2023
विकास शर्मा
दैनिक अमर श्याम
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  विकास शर्मा

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