अभी तक आपको सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड या किसी अन्य दस्तावेज की फोटोकॉपी देनी पड़ती है लेकिन जल्द ही आपको इससे आजादी मिलने वाली है। सरकार ने डिजिटल KYC को मंजूरी दे दी है जिसके बाद सिम कार्ड के लिए दस्तावेज का वेरिफिकेशन डिजिटल रूप में ही होगा। सरकार का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों के पास 400 करोड़ से कागजों का अंबार जमा हुआ है। ऐसे में अब नए मोबाइल कनेक्शन के लिए डिजिटल KYC कराने का फैसला लिया गया है।
सरकार की ओर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि सिम कार्ड खरीदने के लिए अब डिजिटल फॉर्मेट में कस्टमर का वेरिफिकेशन होगा। इसके अलावा प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में जाने पर दोबारा KYC नहीं किया जाएगा। यह भी बताया गया कि मोबाइल टावर को लेकर कई फ्रॉड केस सामने आए हैं। ऐसे में अब सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर टावर का इंस्टालेशन होगा।
डिजिटल केवाईसी के बड़े एलान के अलावा सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है। टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम चार्जेज और AGR बकाए को चुकाने के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया गया है। इसके अलावा अब एजीआर कैलकुलेशन में नॉन टेलीकॉम रेवेन्यू को शामिल नहीं किया जाएगा। एजीआर के ब्याज दरों में भी राहत दी गई है।