रूस-यूक्रेन युद्ध: उज्जैन के 26 बच्चे फंसे यूक्र्रेन में
उज्जैन जिले के 26 बच्चे यूक्रेन में खुद को असुरक्षित कर रहे महसूस
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुई जंग की खबरों के बाद उज्जैन में हलचल मच गई है, क्योंकि यूक्रेन में उज्जैन जिले के लगभग 26 बच्चे अभी भी फंसे हुए है, जिनके परिजनों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है। बच्चों के परिजनों ने मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री गड़करी से मिलने का भी प्रयास किया, लेकिन प्रोटोकाल के चलते उन्हें नही मिलने नही दिया गया।
रूस और यूके्रन के बीच चल रही जंग शुरू होने के पूर्व ही सभी देशों ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को वापस बुला लिया है, वहीं कुछ देशों द्वारा अभी भी नागरिकों को वहां से वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इस बीच उज्जैन जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, बताया जा रहा है कि उज्जैन जिले के लगभग 26 बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए है। सूत्रों के अनुसार भारत के लगभग 20 हजार से अधिक लोग अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए है।
सांसद ने की है विदेश मंत्री से चर्चा
यूक्रेन में रहकर टेरनोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवसीर्टी से मेडिकल की पढ़ाई कर रही अनुष्का के पिता संजयसिंह यादव ने बताया कि युद्ध की खबर लगते ही सबसे पहले सांसद अनिल फिरोजिया से संपर्क किया, जिस पर उन्होंने विदेश मंत्री से बात की है। गुरूवार को सभी पालकगण कें्रद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से मिलने पहुंचे थे, लेकिन प्रोटोकाल के चलते ज्ञापन नही दे पाये, लेकिन डीएसपी सुरेंद्रपालसिंह सोलंकी को ज्ञापन दिया गया है।
बच्चों ने बताया बमबारी हो रही
पुलिसकर्मी विनोद परमार ने बताया कि मेरा बेटा भी यूक्रेन में पढ़ाई कर रहा है, लेकिन जब से युद्ध और हमले की जानकारी लगी है, हम सभी परेशान हो रहे है। बच्चों से बात हुई तो उन्होंने बताया यहां लगातार बम-बारी हो रही है, जिससे हमें डर लग रहा है। हम सभी चाहते है कि सरकार हमारे बच्चो को भी जल्द से जल्द वापस भारत लेकर आये।
यह बच्चे अभी भी यूक्रेन में
आकाश भार्गव, प्रभव परमार, विनित मुसले, मानसी दुबे, धरती पटेल, मोहिनी सिंग, नयन जोशी, सलौनी शर्मा, आशी शर्मा, ओपील जैन, अनुष्का यादव सहित लगभग 26 बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए है। यूक्रेन में हमलों की खबरों के बाद से इनके पालकगण भयभीत होकर अपने बच्चों की चिंता कर रहे है।
इन्होंने कहां हमारे बच्चों को भारत बुलाओ
ज्ञापन देने वालों में नितिन मुसेल, संजय यादव, जितेंद्र शर्मा, विनोद परमार, उमेश भार्गव, नरेंद्र जैन, देवेंद्र शर्मा, महेश दुबे शामिल थे, जिनका कहना था कि भारत सरकार अभी तक कई लोगों को यूक्रेन से भारत ले आई है, लेकिन देखने में आ रहा है कि प्रभावशालियों के बच्चों और परिजनों को ही लाया गया है, जबकि हम जैसे सामान्य परिवार से जुड़े लोगों के बच्चों की कोई सुध नही ली जा रही है। यूक्रेन के बिगड़ते हालातों को देखते हुए हम भारत सरकार और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मांग करते है कि वह जल्द से जल्द यूक्रेन में फंसे हमारे बच्चों को वापस लेकर आये।
साभार – धर्मेंद्र भाटी