पॉजिटिव का फर्स्ट कॉन्टेक्ट भी हफ्ते भर क्वारेंटाइन
उज्जैन 10 जनवरी। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सोमवार को बृहस्पति भवन के सभाकक्ष में इंसीडेंट कमांडर्स के साथ कोविड संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान विभिन्न अनुभागों के एसडीएम वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। कलेक्टर ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिये कि उनके अनुविभाग में व्यक्ति को कोरोना से मिलते-जुलते जरा से भी लक्षण दिखाई दें तो तुरन्त टेस्टिंग करवायें। एसडीएम आरआरटी सिस्टम दुरूस्त करें। यह मानकर चलें कि कोरोना की तीसरी लहर पूरी तरह से आ गई है। जैसे ही कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की सूची प्राप्त हो, आरआरटी तत्काल निकल जाये।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि समस्त एसडीएम उनके अधिकार क्षेत्र में कितने लोग अस्पताल में भर्ती हैं तथा कितने लोग होम आइसोलेशन में हैं, यह सुनिश्चित करें। तहसील स्तर पर बिल्डिंग, सामुदायिक भवन आदि को चिन्हित कर वहां कोविड केयर सेन्टर (सीसीसी) बनायें। सीसीसी में मेडिकल स्टाफ की राउण्ड द क्लॉक ड्यूटी लगाई जाये। दवाईयों के किट पर्याप्त मात्रा में रखें। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनीटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जाये।
जो लोग घर के बाहर बिना मास्क के निकल रहे हैं, उन पर सख्ती से स्पॉट फाइन लगाया जाये, ताकि आमजन में जागरूकता फैले और वे मास्क को गंभीरता से लें। अपने-अपने क्षेत्रों में आमजन घर से बाहर निकलते समय शत-प्रतिशत मास्क पहनकर ही निकलें, यह सुनिश्चित करें। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के घर को कंटेनमेंट क्षेत्र बनायें और उनके घर के बाहर पोस्ट लगवाये जायें। संक्रमित मरीज और उसके परिवारजनों को घर से बाहर सात दिनों तक न निकलने दें।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि छोटे-छोटे प्रयासों का बहुत महत्व होता है। इस प्रकार के प्रयास करके ही कोरोना संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है। बैठक में डॉ.रौनक द्वारा समस्त बीएमओ को जानकारी दी गई कि ऐसे कोरोना संक्रमित जो कार्डिएक पेशेंट भी हैं, उन्हें अतिरिक्त एंटीवायरल दवाई दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि उज्जैन में होम आइसोलेशन में अब तक एक भी मृत्यु नहीं हुई है। ऐसा व्यक्ति जो दोबारा कोरोना पॉजिटिव आया है, उसका इलाज नई गाईड लाइन के अनुसार समस्त बीएमओ करें।
यदि कोई गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव आती है तो उनके इलाज के लिये गायनेकोलॉजिस्ट और पीडियाट्रीशियन की ड्यूटी ऑनकॉल लगाई जा सकती है। अनुभागों में जो भी कोरोना के प्रकरण आयें, उनकी रिपोर्ट तीन से चार घंटे के अन्दर जिला मुख्यालय भेजना सुनिश्चित करें। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के सभी फर्स्ट कॉन्टेक्ट्स को भी सात दिनों के लिये क्वारेंटाईन करना है।
कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिये कि कोरोना के सेम्पल की डाटा एंट्री करने वालों की सूची और एसआरएफआईडी प्रतिदिन भेजी जाये। पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने बैठक में कहा कि जनता को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने की बहुत जरूरत है। आमजन से पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करवायें। साथ ही समस्त ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी-कर्मचारी स्वयं की सुरक्षा का भी ध्यान रखें।
बैठक में कलेक्टर ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण की गति को बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विभिन्न विद्यालयों में 15 से 18 वर्ष के जो बच्चे एनरोल्ड हैं, उनके अलावा कुछ बच्चे ऐसे भी हो सकते हैं जो उक्त आयुवर्ग के हों, लेकिन ड्रापआऊट हैं अथवा कक्षा 9वी से 12वी में नियमित अध्ययनरत नहीं हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जाये। बच्चों का टीकाकरण स्कूलों में ही होगा। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि विद्यालय में यदि कोई दूसरे विद्यालय में अध्ययनरत 15 से 18 वर्ष का विद्यार्थी टीका लगवाने आये तो उसे मना न करें, उसका भी टीकाकरण किया जाये। समस्त एसडीएम आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग लें और गांव-गांव में जाकर सर्वे करवायें। कोई भी 15 से 18 वर्ष का बालक अथवा बालिका टीकाकरण से न छूटे।
बैठक में जानकारी दी गई कि आज से कोविड का प्रीकॉशन डोज भी फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स और सीनियर सिटीजन को लगना प्रारम्भ हो गया है। यह डोज कोवेक्सीन/कोविशिल्ड का दूसरा डोज लगने के 39 हफ्ते बाद लग सकेगा। साथ ही आज से सीनियर सिटीजन को भी यह डोज लगना प्रारम्भ हो गया है। वरिष्ठ नागरिक टीकाकरण केन्द्र पर आकर टीका लगवा सकेंगे। बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि बच्चों के टीकाकरण के सत्र और आज से लगने वाले प्रीकॉशन डोज के सत्र अलग-अलग होंगे। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये।
कलेक्टर ने जिले में स्पॉट फाइन को और बढ़ाये जाने के निर्देश दिये। कोरोना संक्रमित यदि बैरिकेट हटाकर बाहर जाते हुए पाये गये तो उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये। साथ ही यह भी कहा गया कि ऐसे व्यक्ति को होम आइसोलेशन से सीधे कोविड केयर सेन्टर भेज दिया जायेगा।
@जन्सम्पर्क् उज्जैन