फ्री गंज को “ट्री फ्री” करने जुटी व्यापारियों और भ्रष्टाचारियों की टीम


उज्जैन। एक तरफ तो सरकारे बड़ी बड़ी योजनाएं इस धरती की हरियाली लौटाने के लिए बनाती हैँ,लेकिन असलियत मे होता कुछ नही है। और अगर हो भी गया तो भ्रष्टाचारियों की गैंग फले-फूले पेड़ की हत्या कर देती है।
ऐसा ही एक मामला कल शिवमंदिर फ्रीगंज के सामने भरे बाजार निगम के लोगो की मिली भगत से अंजाम दिया गया। मिली भगत इसलिए स्पष्ट साबित होती है कि साँठगाँठ से प्लान की गयी इस पेड़ की हत्या के ठीक पहले 1 शिकायत दुकानदार से निगम ऐप पर करवाई गयी। शिकायत मे पेड़ की छटाई का जिक्र किया गया। मजेदार तो यह है कि शिकायत के समय के तुरंत बाद ही गैंग भी आ गयी। 15 min या आधे घंटे मे काम हो गया ये अपडेट भी हो गया। ऐसी तेजी देखी कभी.? 🤣🤣 एक समय था जब फ्रीगंज का पूरा इलाका शीशम के लहलहाते पेड़ो से भरा था। लेकिन कुछ समय के साथ सारे पेड़ खत्म हो गये। लेकिन अधिकतम ऐसे ही षड्यंत्र रचकर काट दिये गये। इसके पीछे दुकानदारों का तर्क होता है उनका फ्रंट लुक दब जाना और पेड़ से गिरने वाले पत्तों से होती गंदगी। आज सुबह फिर आयुक्त को अवगत करवाया गया जिस पर 1 टीम भी मौके पर पहुंची है ऐसी जानकारी लगी है। अब पेड़ तो कट गया,टीम जाकर भी करेगी क्या ये तो समझ आता ही है। टीम फर्जी दस्तावेज तैयार कर पेश करेगी। पेड़ को गिराउ और बड़े वाहन द्वारा क्षतिग्रस्त बताया जायेगा।  अब देखते हैँ इस पूरे मामले पर क्या होता है और आगे ऐसा करने वाले को रोकने के क्या प्रयास किये जाते हैँ। इस पूरे मामले से कल ही धाकड़ निगमायुक्त को अवगत करवा दिया गया है कि एक तो पेड़ षड्यंत्र पूर्वक काटा गया है और दूसरा काटे गये पेड़ की लकड़ियाँ भी निगम के पास नही पहुंची। लकड़ियाँ गायब करने का कारण यह है कि पेड़ निगम गैंग ने नही बल्कि निजी व्यक्ति से कटवाया गया है जो लकड़ी ले जाने की शर्त पर राजी हुआ होगा। नियमों के हिसाब से चलने वाले धाकड़ निगमायुक्त श्री गुप्ता से निवेदन किया गया है कि न सिर्फ जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही करें बल्कि उस दुकान के बाहर निगम स्वयं 2 पेड़ लगवा दे। अब देखते हैँ इस पूरे मामले पर क्या होता है और आगे ऐसा करने वाले को रोकने के क्या प्रयास किये जाते हैँ।

Loading

  विकास शर्मा

संपादक:विकास शर्मा

मो.:91-98270 76006