अबे 9 बजे उठने वालों,तुम क्या संकरात मनाओगे
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👹 तिरिभिन्नाट एक्सप्रेस👹
अबे 9 बजे उठने वालों,तुम क्या संकरात मनाओगे
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भिया राम..🙏🏻
सुबे 9 बजे तक बिस्तर मे पड़े रेने वालो..ब्रश और नाश्ता करके छत पे जाने वालो..पेले से बेंडेज लगाने वालो..रेडीमेड उचका खरीदने वालो..बिना लूटे, खरीदी पतंग उड़ाने वालो..सेलो टेप का पूरा बंडल पास मे रखके..चश्मा-टोपी लागके पतंग उड़ाने वालो..
तुम क्या संकरात मनाओगे..क्या तो इंजॉय करोगे..ने क्या तो त्यौहार को समझ पाओगे..
अरे पतंग तो हमने उड़ाई..सफ़ेद गट्टा लाइन मे लग के लिया है..वो बी गुल्लक फोड़ के..बाप होन से बना बनाया उचका मांग लेते तो ऐसे घूरते थे के जायदाद मांग ली होय..ने आजकल के बच्चे क्या जाने उस टाइम का हमारा स्ट्रगल.. गट्टा आ जाये तो सूतने की जुगाड़..2 महीने पेले से फोड़ी हुई टूबलाइट अवेरना..उसको पीसना..सरेस उकालने का बर्तन कबाड़ना..ने तरे तरे के कलर उकालना..कोई सें (ढील) तो कोई हेंच,खेंच की मांगता..ने उचका लपेटने के लिए सायकिल नी मिले तो कैसे कैसे सेबड़िये होन के हाथ जोड़े हैँ तुमको क्या पता..🙄
ने डोर सुता जाये तो उसको मंगलनाथ साइड सुखाने जाना..आने मे अंधेरा हो जाए तो गली के मोड़ पे ज 1,2 मम्मी पापा होन गीली डंडी लेके स्वागत मे तैयार 😢
पूजा पत्री हो जाती पर मजाल है होंसला कम हो जाए भाई होन का..कुटा पिटा के आंसू पोंछ के रोटी खाके फिर गली मे..सुबे की तैयारी..पतंग होन के जोते बांधते..फिर सारी रात आँखों मे कटती.. ने जैसे मौका लगा के छत पे..ओर ये मरी ओस बी इन ही दिन मे गिरती..पतंग के काँप-टिड्डे गल जाते..🥺
और जब ढेर पतंग उड़ने लगती तो अपने पास रखी हुई पतंग से ज्यादा नजर उड़ती हुई आ जाये इसपे रेती..और वो नजर भी बिल्कुल प्रेम चोपडा जैसी गंदी वाली..🤣🤣
नीचे से नहाने की आवाज बार बार..”अच्छा मत नहा..मुह पे गोली ज मार ले..ब्रश कर ले..पोटी बी नी करके गया रे” 🤣🤣
जैसे तैसे गोली मारी..1 निवाला इधर ने 1 उधर रखा ने फिर ऊपर..ने जब रात पड़ जाये और बाप की “तु नीचे आ रिया के मै ऊपर आऊं” वाली चेतावनी नी आ जाये..हम उतरते नी थे..😜
अब कां वो रौनक ने कां वो बचपन..अब तो भरा जाओ तुम सब मोबाइल मे..1 दिन का त्यौहार..ने सब बिल्कुल जिगर के टुकड़े इकलौते-दोलोते..तो 100 मांगो तो हम 500 दें..सब मिल जाता अब तो तैयार..
और भी बहोत यादें हैँ जो तुम बस सुन ही सकते हो..बचपन तो सच मे हमने जिया..
तो भिया छत पे जाओ..करो इंजॉय..
सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
😜जा रिया अब
भारत माता की जय
विकास शर्मा
दैनिक अमर श्याम उज्जैन
9827076006
14/01/2022
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  विकास शर्मा

संपादक:विकास शर्मा

मो.:91-98270 76006