पश्चिम रेलवे की पहली टैक्सटाइल पार्सल स्पेशल ट्रेन चलथान से शालीमार के लिए चली

पश्चिम रेलवे के सूरत स्टेशन पर लोड किए जा रहे टेक्सटाइल पार्सलों के दृश्य।

पश्चिम रेलवे की माल और पार्सल विशेष ट्रेनें आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को चालू रखने के लिए देश भर में लगातार चल रही हैं। ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर्स, ट्रांसपोर्टर्स, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन STGTA तथा कपड़ा निर्माताओं और व्यापारी एसोसिएशन जैसे FOSTTA एवं SGTTA के साथ नियमित बैठकों ने एक सेवा प्रदाता के रूप में रेल के प्रति उद्योगों की धारणा को बदलने में उल्लेखनीय मदद की है। इसी क्रम में, पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) ने पहली बार सूरत शहर के कपड़ा बाजार की विशाल क्षमता का अनुदोहन करते हुए, हाल ही में चलथान से कोलकाता के पास स्थित शालीमार तक 202.4 टन वजन का कपड़ा पहुँचाकर एक खास उपलब्धि हासिल की है। इससे पश्चिम रेलवे को 9.66 लाख रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के ऊर्जावान और बहुमूल्य मार्गदर्शन में, सभी मंडलों की बीडीयू पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल पार्सल यातायात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, बल्कि माल ढुलाई के क्षेत्र में भी नये यातायात के शानदार अवसर सृजित हुए हैं।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में अगस्त माह के अंत तक मुंबई मंडल ने 2.40 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने वाले 225 ऑन डिमांड वीपी का परिवहन किया है। शालीमार, टाटा नगर और अन्य लोकप्रिय गंतव्यों के लिए चलथान और सूरत स्टेशनों से वीपीयू के लिए नियमित मांगों की प्राप्ति हुई है। पार्सल लोडिंग के लिए एनएमजी रेक (ऑटोमोबाइल यातायात के लिए प्रयुक्त होने वाले रेक ) का उपयोग करने की अनुमति के साथ, मुंबई डिवीजन ने कपड़ा उद्योग की बड़ी कंपनियों के बीच उत्पाद का आक्रामक रूप से विपणन किया। श्री ठाकुर ने बताया कि हाल ही में पश्चिम रेलवे के वडोदरा मंडल के बीडीयू ने भी किसान रेल के माध्यम से वडोदरा यार्ड से आदर्श नगर, दिल्ली तक 240 टन वजन वाले कच्चे केले का परिवहन कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

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  विकास शर्मा

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