मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में करोड़ों के काम जमीन पर उतरे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के 2 साल के कार्यकाल में शहर को मिली कई सौगातें
मेडिसिटी का कार्य तेज गति से जारी, चारों और सड़कों का जाल बिछा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व के 2 वर्षीय कार्यकाल में उज्जैन शहर और जिले को करोड़ों रुपए के विकास कार्य की सौगातें मिली है। विशेषकर आगामी सिंहस्थ महापर्व के आयोजन के मद्देनजर शहर का कायाकल्प हो रहा है। सिंहस्थ को भव्य,दिव्य और अलौकिक बनाए जाने की दृष्टि से सिंहस्थ 2028 के निर्माण कार्यों को गति मिली है। विकासरत कई कार्यों की पूर्णता तो हुई ही है, वहीं प्रगतिरत कार्यों से योजनाएं जमीन पर उतरती दिखाई दे रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सिंहस्थ 2028 को फोकस बनाए हुए है, उनकी मंशानुरुप सिंहस्थ के कार्यों ने गति ही नहीं पकडी है बल्कि उनके परिणाम भी देखने को मिल रहे है। डॉ. यादव के प्रयासों से उज्जैन जिले को चिकित्सा महाविद्यालय(मेडिसिटी) की सौगात मिली है। इसका निर्माण 592.30 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज 09 मंजिला होगा और इसमें इलाज के लिए 550 बेड की व्यवस्था रहेगी और विद्यार्थियों के लिए 150 सीटे भी रहेगी। वर्तमान में चिकित्सा महाविद्यालय भवनों के निर्माण कार्य तेजी से चलते हुए प्रगतिरत है। अब चिकित्सा भवनों के निर्माण का स्वरूप भी दिखाई देने लगा है। मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद स्थानीय नागरिकों को जटिल स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दूसरे शहरों की ओर रुख करने की आवश्यक्ता नहीं होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के 02 वर्षीय कार्यकाल के दौरान भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में 20 बंदियों की क्षमता वाली खुली जेल का 325.48 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण पूरा हो चुका है और इसका लाभ 20 बंदी परिवारों को मिल रहा है।
सिंहस्थ आने के पूर्व सड़कों का जाल बिछेगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सिंहस्थ 2028 के कार्यों को मूर्त रुप देने के लिए स्वयं रूचि लेकर उनके बजट को स्वीकृत कर उन्हें जमीन पर उतारने के लिए द्रढ़ संकल्पित है। इसका यह परिणाम होगा कि सिंहस्थ 2028 तक उज्जैन के चारों ओर सड़कों का सुनियोजित तरीके से जाल बिछ जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि भीड नियंत्रण से लेकर सुगम यातायात तथा वैकल्पिक सड़कें तैयार हो जाएंगी। डॉ. यादव की परिकल्पना के अनुरुप पिछले 02 वर्षों में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा 1692 करोड़ रुपए की लागत से 44.4 कि.मी लंबे इंदौर-उज्जैन 06 लेन मार्ग निर्माण, 273.45 करोड़ रुपए की लागत से उज्जैन-मक्सी रोड़ 04 लेन, 1370.85 करोड़ रुपए की लागत से इंदौर उज्जैन वैकल्पिक 04 लेन मार्ग 48.02 कि.मी निर्माण, 701.86 करोड़ रुपए की लागत से उज्जैन सिंहस्थ बाईपास मार्ग 04 लेन चौडिकरण कार्य किया जा रहा है। इंदौर-उज्जैन 06 लेन मार्ग, उज्जैन-मक्सी 04 लेन मार्ग प्रगतिरत है। वहीं सिंहस्थ बाईपास 04 लेन एवं इंदौर-उज्जैन वैकल्पिक 04 लेन के निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया की जा रही है। इस प्रक्रिया के होते ही ये काम भी जमीन पर दिखाई देने लगेंगे।
धर्म नगरी में भी हर हाथ को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरुप धर्मधानी उज्जैन सांस्कृतिक, एतिहासिक नगरी ही नहीं रहेंगी, बल्कि औद्योगिक विकास में भी अग्रणी रहें और इसके लिए उद्यमी योजनाओं को मूर्त रुप देते हुए हर हाथ को काम/रोजगार मिलने का माध्यम बने। इस पर कार्य किया जा रहा है। इसी के चलते उज्जैन जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में 777 इकाईयां कार्यरत है। इनमें 3555 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होने के साथ हजारों लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। एमपीआईडीसी के माध्यम से भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित दिल्ली मुंबई इंडसट्रीयल कोरिडोर के तहत ग्राम नरवर में विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड 350 करोड़ रुपए की लागत से 773 हेक्टेयर क्षेत्र पर विकसित किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र में पेप्सिको, अमूल इंडिया, फेना, वॉल्वो, आइशर जैसी प्रतिष्ठित प्रमुख इकाईया अपना कारोबार प्रारंभ करने जा रही है। इसके अलावा उज्जैन में 222 करोड़ रुपए की लागत से 360 एकड क्षेत्र पर मेडिकल डिवाईस पार्क विकसित किया गया है। 02 वर्षों के दौरान 66 मेडिकल डिवाईस विनिर्माण इकाईयों को जमीन आवंटित की गई है। तराना में 35 करोड़ रुपए की लागत से औद्योगिक पार्क फेज-02 विकसित किया जा रहा है, प्रगतिरत है।
रुद्र सागर झील पर पैदल पुल बना उपयोगी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर के विकास के लिए कई योजनाओं को मूर्त रुप दिया हा रहा है। पिछले 02 वर्षों में 22.73 करोड़ रुपए की लागत से रुद्र सागर झील पैदल पुल (सम्राट अशोक सेतु) का कार्य पूर्ण किया गया है। स्मार्ट सिटी द्वार 251.13 करोड की लागत से महाकाल पार्किंग से 24 खंबा सड़क विक्रम कीर्ति संग्रहालय का उन्नयन कार्य, भारतमाता मंदिर तक अहिल्याबाई पार्किंग सड़क, वीर भारत संग्रहालय , नर्सिंग घाट तिराहा से राम घाट तक सडक निर्माण, मोदी का चोपडा बावड़ी का जीर्णोंद्धार एवं उन्नयन कार्य, रेप्टाइल पार्क, स्नेक पार्क आदि के कार्य किए जा रहे है।
मोक्षदायिनी शिप्रा होगी स्वच्छ, अविरल और प्रवाहमान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिप्रा को प्रदूषित जल से मुक्ति दिलाने के लिए गहन रुचि ली है और इसके लिए अपनी सरकार की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे है। जल संसाधन विभाग ने शिप्रा में कान्ह नदी के मिल रहे दूषित जल को रोकने के लिए योजनाएं बनाई है। इसके तहत कान्ह नदी के दूषित जल को उज्जैन शहर में शिप्रा नदी पर स्थित प्रमुख घांटो एवं तीर्थ स्थलों में मिलने से रोकने के लिए 919.94 करोड़ रुपए की लागत से कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना, शिप्रा नदी को अविरल प्रवाहमान बनाए रखने के लिए सेवरखेडी-सिलारखेडी परियोजना का कार्य प्रगति पर है।
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