👹 तिरिभिन्नाट एक्सप्रेस 👹भिया राम 🙏आज हाजिर हुआ बड़े दिन बाद..मन हुआ मकर संक्रांति यानी संक्रात पे कुछ लिखा जाये….क्योंकि अब तो न इस त्यौहार की कोई रंगत बची..और न कोई उत्साह..बस शगुन हो गया नाम मात्र का….औलाद होन की पढ़ाई..और दूसरी तरफ महंगाई..टूटते संयुक्त परिवार..ठीकरे (मोबाइल) मे भराती हमारी खेप.. मोहल्ले बन गये कॉलोनी..और […]