https://youtu.be/iPQI916pyXQ?si=yqHms_q3tBmJ14sv
भाजपा ने इस बार मालवा और निमाड़ अंचल में अच्छा प्रदर्शन किया है. यहां की 66 में से 48 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की. निमाड़ अंचल के तीन-चार जिले छोड़ जाएं तो कुल मिलाकर भाजपा का प्रदर्शन बेहद प्रभावित रहा है. जाहिर है इस अंचल से मंत्री पद के इच्छुक दावेदारों की बड़ी संख्या है क्योंकि कम से कम ढाई दर्जन विधायक 2 से अधिक बार जीते हैं. इन सभी दावेदारों को फिलहाल प्रतीक्षा करनी पड़ेगी क्योंकि पार्टी ने तय किया था कि केवल मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे और ऐसा ही हुआ भी. मंत्रिमंडल के विस्तार का फैसला आलाकमान से चर्चा के बाद होगा. इस काम में कम से कम सात दिन और लगेंगे. जाहिर है सभी दावेदारों को फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा. इस अंचल से विजय शाह, उषा ठाकुर, तुलसी सिलावट, इंदरसिंह परमार, हरदीपसिंह डंग
ओमप्रकाश सखलेचा, अर्चना चिटनिस, बालकृष्ण पाटीदार, महेंद्र हार्डिया, राजकुमार मेव, नागरसिंह चौहान, निर्मला भूरिया, नीना वर्मा, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, गायत्री राजे पंवार, डॉ. राजेंद्र पाण्डेय के नाम प्रदेश मंत्रिमंडल के लिए लिए जा रहे हैं. वैसे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले जगदीश देवड़ा नीमच जिले के मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. इस तरह भाजपा ने मालवा अंचल को महत्व दिया है. कुल मिलाकर पार्टी इंदौर उज्जैन संभाग को आगे भी महत्व देने वाली है.
निगम चुनाव में हारे वार्डों में भी जीती भाजपा
इंदौर शहर में कांग्रेस की पराजय बहुत गहरी है। इस पर विचार करना होगा।
विधानसभा चुनाव में इंदौर की छह विधानसभाओं के 85 में से महज 9 वार्ड में ही कांग्रेस जीत सकी। ये वार्ड अल्पसंख्यक बाहुल्य हैं। यहां कांग्रेस को थोकबंद वोट मिले, लेकिन कांग्रेस जीत नहीं सकी. चुनाव की शुरुआत में कांग्रेस प्रत्याशी आश्वस्त थे कि करीब सवा साल पहले नगर निगम चुनाव में जहां से जीते थे, वहां दिक्कत नहीं आएगी। रणनीति थी कि भाजपा के कमजोर वार्डों में सेंधमारी की जाए. चुनाव परिणाम से साबित हुआ कि यह रणनीति नहीं चली. पार्टी को केवल मुस्लिम बहुल वार्डों में ही फायदा हुआ है. खजराना के वार्ड 39 में 18 हजार 749 वोटों से कांग्रेस ने जीत दर्ज की. दूसरी बड़ी जीत वार्ड 53 में 16 हजार 145 की है. तीसरे नंबर पर खजराना का ही वार्ड 38 रहा, जहां 14 हजार 427 वोटों से कांग्रेस जीती. राऊ विधानसभा के बिजलपुर वाले वार्ड को कांग्रेस प्रत्याशी जीतू पटवारी अपना गढ़ मान रहे थे, लेकिन वे 30 वोटों से हार गए. इंदौर-3 के वार्ड 59 में कांग्रेस 699 वोटों से हारी। शेष 74 वार्डों में भाजपा की जीत का आंकड़ा 1000 से 10401 वोट तक रहा।इन अपने पार्षदों के वार्ड में भी हारी कांग्रेस.. वार्ड 10 विनितिका यादव, वार्ड 15 ममता सुनहरे, वार्ड 17 शिवम यादव, वार्ड 20 यशस्वी पटेल, वार्ड 21 चिंटू चौकसे
वार्ड 22 राजू भदौरिया, वार्ड 23 विनिता मौर्य, वार्ड 45 सोनीला मिमरोट, वार्ड 46 शैफू वर्मा, वार्ड 52 सावित्री बाई, वार्ड 75 कुणाल सोलंकी, वार्ड 76 सीमा मालवीय. यहां तक की कांग्रेस के कई प्रत्याशी अपनी ग्राम पंचायत और वार्डों में हारें हैं.
सौजन्य – NBT
श्रद्धालुओ थोड़ी जिम्मेदारी आपकी भी बनती है।
ये है लखनऊ की जान्हवी पांडे।
घटना सुबह 6 बजे के आसपास की।
स्थान महाकाल लोक।
महिला शराब पी हुई है (स्टाफ के कहे अनुसार)
और गार्डो से इसने हुज्जत की, रोकने पर सुरक्षा कर्मियों और स्टॉफ को खुलेआम् गालियां दी, थप्पड़ भी मारे।
महिलाकर्मी को चोंट पहुँचाई, पुलिस तक पहुंचा मामला।
#तिरिभिन्नाट #tiribhinnat #दैनिकअमरश्याम
नही थम रहा कॉंग्रेस का कलह
उज्जैन। विधानसभा चुनाव सिर पर हैँ लेकिन उज्जैन मे कॉंग्रेस और विशेष तौर पर शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष की परेशानियां खत्म होने का नाम नही ले रही। पिछले ही महीने मुस्लिम समाज पर की गयी टिप्पणी उनके गले मे हड्डी जैसी फंसी जिससे उनका अध्यक्ष पद भी चला गया। ब मुश्किल हाथ पैर जोड़ने और सार्वजनिक माफी मांगने के बाद उनका पद वापिस मिला लेकिन कल फ़िर एक विवाद उनके नाम जुड़ गया।
शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया एक और विवाद मे फंसते नजर आ रहे हैँ। मामला ये है कि कल महाकाल बाबा की पालकी जब रामघाट पर थी तब सभी वहाँ बैठे थे। जिनमे रवि भदौरिया अपने परिवार के साथ थे और जिला कॉंग्रेस अध्यक्ष पारू गिरजे भी वहाँ उपस्थित थे।
क्या हुआ क्या नही पर वहाँ दोनो मे विवाद हो गया जो गाली गलौज तक जा पहुंचा।
गिरजे के अनुसार भदौरिया दम्पत्ति ने उनकी जाति को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि तुम जिस समाज से हो उसको यहां बैठने का हक नही है।
दूसरी तरफ भदोरिया के अनुसार ऐसा विवाद नही था बल्कि गिरजे का पैर पत्नी को लगा जिस पर उन्होंने गिरजे को ठीक से बैठने को कहा था। यदि जातिगत कोई बात कही जाती तो वहाँ सैंकड़ों लोग भी ये सब सुनते।
अब सच जो भी हो पर गिरजे ने फोन पर स्वीकारा कि वे इसकी शिकायत पुलिस को करेंगे।
दूसरी तरफ भदौरिया ने कहा यदि वो शिकायत करेगा तो हम भी करेंगे। लेकिन विवाद जैसा कुछ है नही।
अब विवाद का कारण जो भी हो पर हमारी जानकारी के अनुसार पिछले महीने मुस्लिम समाज पर की गयी टिप्पणी के साथ वरिष्ठो का किया गया अपमान माफ़ी से तो धुला नही है। भदौरिया का पूरा कार्यकाल अब काँटों का ताज़ है। आये दिन कोई न कोई विवाद पैदा होगा,या पैदा किया जायेगा।
अंततः विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और लम्बे समय से सत्ता भोग रही भाजपा ने अपने पत्ते बिचाना शुरु भी कर दिये लेकिन अपनी फुट से 10 साल हारी, और फुट से ही मिली हुई सत्ता खोने वाली कॉंग्रेस के लिए ये सब बिल्कुल ठीक नही।
अब ये समय के गर्भ मे है कि ये नया विवाद कितना तूल पकड़ता है।
-😡-😡-
..वा भिया वा..
..हे महाकाल..
गलती कर दी आपके दर्शन का सोचकर..कहाँ समाधी लगाए बैठे हो..
क्योंकि आप ने हम भक्तो को लावारिस छोड़ दिया..और जिम्मेदार तो आपके भी मालिक बने बैठे हैँ…
अब तो ये लोग ही भगवान हैँ..ये तय करेंगे कब आपकी पालकी उठेगी..जिधर बोलेंगे उधर ले जाया जायेगा..जहाँ रोकेंगे आपको रुकना पड़ेगा..सबको आप दर्शन दो ना दो..कोई vip आ जाएगा तो आपको नींद मे से भी उठाया जायेगा..हमारे बूढ़े माँ बाप आपके दर्शन को तरस जाते हैँ…और जिम्मेदारों के छोटे बच्चे जलाधारी से लिपट जाते हैँ…हम 100 कोस दूर से एक झलक पाने को आते हैँ..भूखे मरते हैँ..पानी को तरसते हैँ..एक झलक पाने की आस मे उपवास रखते हैँ…आपकी पालकी से गिरा एक फूल उठाने को..आपकी एक झलक पाने को पागलो सी आस लगाते हैँ..पालकी की व्यवस्था मे लगे जिम्मेदार (हमारे माई बाप) हमको धकियाते हैँ…बेखौफ थप्पड़ लगाते हैँ..गालियां सुनाते हैँ..रस्सी से हम दबाए जाते हैँ..डंडो से हड़काये जाते हैँ..
वाह प्रशासन वाह..👏🏻
सिर्फ थप्पड़,डंडे क्यो..फांसी दे डालो..आगे चलती तोप से उड़ा दो..अपराध ही इतना बड़ा है..पालकी को छूने को जो खड़ा है..
लेकिन…….
फिर बाबा हम तेरे दीवाने हैँ..एक झलक के लिए इन व्यवस्थापको के डंडे,गाली,थप्पड़ तो क्या गोली खाकर भी बोलेंगे…
“..नाथ..भोलेनाथ..तेरे बच्चे हैँ..डंडे थप्पड़ खाएंगे..
पर तेरे दर्शन को आएंगे..”
😡😡😡😡😡😡😡
pls शेयर करें 🙏🏻
विकास शर्मा
9827076006
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी योजनाओं को लेकर सरकार रिपीट का कितना भी दावा कर लें, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सहयोग से ही सरकार रिपीट हो सकती है। जानकार सूत्रों के अनुसार हाईकमान खास कर राहुल गांधी ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जो प्राथमिक सर्वे करवाया, उसमें पायलट की भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई है। हाईकमान अब दो टूक निर्णय लेना चाहता है। हाईकमान के सख्त रुख का ही परिणाम है कि 85 प्रदेश सचिवों वाली सूची को अभी तक क्लीयर नहीं किया है। जबकि यह सूची प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सहमति से जारी की थी। इस सूची पर रोक लगा कर हाईकमान ने रंधावा को भी अपनी हैसियत में रहने के संकेत दे दिए हैं। हाईकमान का कहना है कि अब संगठन और सरकार में जो बदलाव होंगे, उनमें पायलट की राय भी शामिल हो जाएगी। डोटासरा और रंधावा के माध्यम से हाईकमान ने सीएम गहलोत को भी संदेश भिजवा दिया है। पायलट की भूमिका होने पर अब गहलोत के रुख का इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान को लेकर निर्णायक बैठक 6 जुलाई को दिल्ली में होगी। कहा जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी भी उपस्थित रहेंगे। स्वाभाविक है कि इतनी बड़ी बैठक में सीएम गहलोत को भी आमंत्रित किया गया होगा। जबकि दोनों पैर के अंगूठों में एक साथ चोट लगने के कारण गहलोत का चलना फिरना और लंबे समय तक कुर्सी पर बैठना फिलहाल बंद है। यदि गहलोत की गैर मौजूदगी में भी दिल्ली में बैठक होती है तो यह कांग्रेस की राजनीति के लिए बड़ी बात होगी। सूत्रों के अनुसार हाईकमान अब पायलट की भूमिका के मामले को लटकाए नहीं रखना चाहता है। हाईकमान को भी पता है कि मात्र चार माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है, जबकि कांग्रेस में गहलोत और पायलट का मामला नहीं निपटा है। सूत्रों के अनुसार पायलट को लेकर हाईकमान ने जो रुख अपनाया है, उससे सीएम गहलोत खुश नहीं है। गहलोत चाहते हैं कि पायलट के बगैर ही चुनाव लड़ा जाए।
डोटासरा का डेरा:
पिछले तीन दिनों से प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा दिल्ली में ही है। राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से कई दौर की मुलाकात हुई है। सूत्रों के अनुसार 6 जुलाई को होने वाली बैठक में सचिन पायलट भी उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही 20 अन्य प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है। डोटासरा और रंधावा का लगातार दिल्ली में रहना यह बताता है कि कांग्रेस में जल्द ही महत्वपूर्ण निर्णय होंगे।
भारत की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत जो अपनी खुबियों के साथ गति के
लिए जानी जाती है , रतलाम मंडल के इंदौर से भोपाल के मध्य परिचालित की
जाएगी।
वर्ततान में वंदे भारत ट्रेन का परिचालन भारत के सभी विद्युतीकृत राज्य
में की जा रही है । वर्तमान में कुल 18 जोड़ी ट्रेनों अर्थात 36 वंदे
भारत ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। तथा 27 जून, 2023 को 5 जोड़ी वंदे
भारत ट्रेन के शुभारंभ के साथ ही यह संख्या 23 जोड़ी हो जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत को अक्षरश: भारतीय रेलवे द्वारा आत्मसात करते हुए वंदे
भारत ट्रेन का निर्माण किया गया है जो पूर्णत: भारतीय एवं भारत की पहली
सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेन है।
वंदे भारत ट्रेन एक सेमी हाई स्पीड सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेन है जो उन दो
महत्वपूर्ण शहरों के मध्य परिचालित की जा रही है जिसके एक दिन के भीतर
ही दोनों ओर की यात्रा पूरी की जा सकती है।
भारतीय रेलवे द्वारा संचालित की जा रही वंदे भारत ट्रेन को कई सारी
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है जो यात्रियों की यात्रा को और
अधिक आनंददायक बनाती है। वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार होने पर,
यात्रियों के पास बैठने की व्यवस्था के तहत चेयर कार या एक्जीक्यूटिव
चेयर कार का विकल्प होता है, जिसमें आरामदायक और 360 डिग्री घुमने वाली
सीटें होती है। ट्रेन में ऑनबोर्ड स्वच्छ एवं पौष्टिक खान-पान की
सुविधा उपलब्ध है। सभी डिब्बों में बड़ी-बड़ी पारदर्शी खिड़कियॉं
यात्रियों को यात्रा के दौरान प्राकृतिक सुंदरता से रूबरू कराता है।
गाड़ी संख्या 20911 इंदौर भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस रविवार को छोड़कर
सप्ताह में छ: दिन इंदौर से 06.30 बजे चलकर उज्जैन(07.15/07.20) होते
हुए 09.35 बजे भोपाल पहुँचेगी। इसी प्रकार वापसी में गाड़ी संख्या 20912
भोपाल इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस रविवार को छोड़कर सप्ताह में छ: दिन
भोपाल से 19.25 बजे चलकर उज्जैन( 21.30/21.35 बजे) होते हुए 22.30 बजे
इंदौर पहुँचेगी।
इंदौर भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन 8 कोच से किया जाएगा।