▫️“नवजीवन” : उज्जैन पुलिस की पहल – दिशा लर्निंग सेंटर के माध्यम से युवाओं के जीवन में नई राह दिखाने वाला विशेष सत्र।
▫️Operation Muskan के अंतर्गत दस्त्याब युवाओं के सुधार हेतु उज्जैन पुलिस का संवेदनशील प्रयास।
उज्जैन पुलिस अधीक्षक की विशेष पहल पर मंगलवार को पुलिस लाइन परिसर में “नवजीवन” शीर्षक से एक विशेष सुधारात्मक एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन दिशा लर्निंग सेंटर के सहयोग से उन युवाओं के लिए रखा गया, जिन्हें हाल ही में Operation Muskan के दौरान दस्त्याब किया गया था।
इस पहल का उद्देश्य युवाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना, सकारात्मक जीवन मार्ग से जोड़ना एवं जिम्मेदार नागरिकता की ओर प्रेरित करना था।
उज्जैन पुलिस वर्षों से युवाओं व बच्चों की सुरक्षा एवं सुधार के लिए निरंतर कार्यरत है। हाल के अभियान में जोखिमग्रस्त, भ्रमित अथवा असुरक्षित परिस्थितियों में पाए गए कई युवाओं को दस्त्याब कर सुरक्षित संरक्षण प्रदान किया गया।
🔹Operation Muskan का मूल उद्देश्य:–
“भटके हुए बच्चों व युवाओं को सुरक्षित घर और सही दिशा प्रदान करना।”
इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस अधीक्षक उज्जैन की पहल पर “नवजीवन” कार्यक्रम आयोजित किया गया, ताकि इन युवाओं को कानूनी संरक्षण के साथ-साथ भावनात्मक सहारा और सही भविष्य की दिशा प्राप्त हो सके।
निर्धारित समय पर सभी युवाओं को पुलिस लाइन लाकर कार्यक्रम को अनुशासित, सकारात्मक एवं औपचारिक वातावरण में संपन्न किया गया।
मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उमेश जोगा एवं उप पुलिस महानिरीक्षक नवनीत भसीन और पुलिस अधिशासी उज्जैन प्रदीप शर्मा ने धैर्यपूर्ण, संवादात्मक एवं प्रेरणादायक शैली में युवाओं से संवाद किया।
🔹अधिकारियों ने कहा-
▪️जीवन के शुरुआती निर्णय भविष्य को आकार देते हैं।
▪️भटकाव परिस्थितियों का परिणाम हो सकता है, पर सही समय पर लिया गया सुधार जीवन बदल देता है।
▪️पुलिस केवल नियंत्रण या दंड नहीं, बल्कि संरक्षण, सुधार और मार्गदर्शन भी है।
जिस प्रकार हम खोए बच्चों को घर पहुँचाते हैं, उसी तरह हर भटके युवा को समाज की मुख्यधारा में लौटाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
सत्र के दौरान बालक-बालिकाओं ने अधिकारियों की बातों को गंभीरता से सुना।
उन्होंने-
- अपनी गलतियों को स्वीकार किया,
- सुधार की राह पर चलने की प्रतिज्ञा ली,
- और भविष्य में जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प लिया।
🔹विशेष उल्लेखनीय – संवेदनशील संवाद
सत्र के दौरान एक बालिका ने साहस के साथ अपनी समस्याएँ एवं चिंताएँ अधिकारियों से साझा की, जिन पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उसे आवश्यक मार्गदर्शन, सुरक्षा एवं सहयोग का भरोसा दिलाया गया। यह क्षण कार्यक्रम की संवेदनशीलता और पुलिस की मानवीय भूमिका को दर्शाता है।
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